दिल्ली के 360 गांवों में बसे कबीरपंथी जुलाहा समाज के लोग अब चुनिंदा गोत्र को छोड़कर अन्य किसी भी गोत्र में शादी कर सकेंगे। कबीरपंथी जुलाहा महासभा ने इस बारे में फैसला लिया है।
नई दिल्ली : दिल्ली के 360 गांवों में बसे कबीरपंथी जुलाहा समाज के लोग अब चुनिंदा गोत्र को छोड़कर अन्य किसी भी गोत्र में शादी कर सकेंगे। कबीरपंथी जुलाहा महासभा ने इस बारे में फैसला लिया है। इस फैसले के बाद अब इस वर्ग के युवाओं में शादी विवाह को लेकर आ रही अड़चनें दूर हो जाएंगी। महासभा के प्रभुख रामकिशन पूनिया के मुताबिक इस समाज की लगभग 10 लाख की आबादी है, लेकिन अब तक कुछ गोत्र को छोड़कर आपस में शादी-विवाह नहीं किया जाता था। इससे इस समाज के युवक और युवतियों की शादी नहीं हो पा रही थीं। कई जगह तो लड़के और लड़कियों की उम्र 30 साल से भी ऊपर हो गई थी। इस दिक्कत को देखते हुए अब समाज ने तय किया है कि मां, पिता और दादी के अलावा नजदीकी गोत्र को छोड़कर किसी भी गोत्र में शादी कर सकेंगे। पूनिया का कहना है कि इससे समाज के लोगों केा बड़ी राहत मिलेगी।
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