"कैबिनेट ने उस योजना के विस्तार को मंजूरी दे दी है जहां सरकार अगस्त तक कर्मचारियों और नियोक्ताओं के योगदान का भुगतान करती है।"
पीएम मोदी की कैबिनेट बैठक में आज चार बड़े फैसले लिए गए। इसमें से एक बड़ा फैसला कारोबारियों और कर्मचारियों के लिए रहा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नियोक्ता और कर्मचारी के पीएफ अंशदान के भुगतान की योजना को तीन महीने के लिए अगस्त तक बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल मई में लाभ के विस्तार की घोषणा की थी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "कैबिनेट ने उस योजना के विस्तार को मंजूरी दे दी है जहां सरकार अगस्त तक कर्मचारियों और नियोक्ताओं के योगदान का भुगतान करती है।"
बता दें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के तहत ईपीएफ के लिए दी गई सहायता अगले तीन महीनों के लिए और बढ़ाया था, जो पहले मार्च, अप्रैल, मई तक दी गई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जून, जुलाई और अगस्त में भी 15 हजार से कम सैलरी वालों का ईपीएफ (यानी सैलरी का 24 फीसदी) सरकार जमा करेगी। सरकार के इस ऐलान का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिल रहा है, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है। इससे कंपनी और कर्मचारी दोनों को फायदा हो रहा है।
जिनकी सैलरी 15000 से ज्यादा उनका क्या?
सरकार ने ऐसे कर्मचारियों की टेक होम सैलरी बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है, जिनकी सैलरी 15 हजार से ज्यादा है, उनके मामले में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए पीएफ में योगदान का प्रतिशत घटाकर 12 से 10 प्रतिशत किया गया है। इससे नियोक्ताओं के पास 6,750 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी। ध्यान रहें कि केंद्रीय कर्मचारियों और सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) में के मामले में यह प्रावाधान नहीं होगा। उनके पीएफ अकाउंट में पहले की तरह ही 24% जाएगा, 12% नियोक्ता और 12% कर्मचारी का।
Source: Hindustan
जावड़ेकर ने कहा कि कर्मचारियों के लिए अधिक टेक होम सैलरी की सुविधा देने और पीएफ बकाया के भुगतान में नियोक्ताओं को राहत देने के लिए निर्णय लिया गया है। बता दें कारोबारियों और कर्मचारियों को 24 फीसदी ईपीएफ सपोर्ट को मंजूरी से 3.67 लाख नियोक्ताओं और 72.22 लाख कर्मचारियों का राहत मिलेगी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत जिन कंपनियों में 100 कर्मचारी तक मौजूद हैं और इनमें से 90 फीसदी कर्मचारी 15 हजार रुपये से कम महीने में कमाते हैं, ऐसी कंपनियों और उनके कर्मचारियों की ओर से ईपीएफ में योगदान मार्च से लेकर अगस्त 2020 तक के लिए सरकार की ओर से दिया जा रहा है।Cabinet approves extension of EPF contribution 24% (12% employees share & 12% employers share) for another 3 months from June to August 2020 under Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana/Aatmanirbhar Bharat: Union Minister Prakash Javadekar pic.twitter.com/CKp5npp14n— ANI (@ANI) July 8, 2020
बता दें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के तहत ईपीएफ के लिए दी गई सहायता अगले तीन महीनों के लिए और बढ़ाया था, जो पहले मार्च, अप्रैल, मई तक दी गई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जून, जुलाई और अगस्त में भी 15 हजार से कम सैलरी वालों का ईपीएफ (यानी सैलरी का 24 फीसदी) सरकार जमा करेगी। सरकार के इस ऐलान का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिल रहा है, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है। इससे कंपनी और कर्मचारी दोनों को फायदा हो रहा है।
जिनकी सैलरी 15000 से ज्यादा उनका क्या?
सरकार ने ऐसे कर्मचारियों की टेक होम सैलरी बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है, जिनकी सैलरी 15 हजार से ज्यादा है, उनके मामले में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए पीएफ में योगदान का प्रतिशत घटाकर 12 से 10 प्रतिशत किया गया है। इससे नियोक्ताओं के पास 6,750 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी। ध्यान रहें कि केंद्रीय कर्मचारियों और सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) में के मामले में यह प्रावाधान नहीं होगा। उनके पीएफ अकाउंट में पहले की तरह ही 24% जाएगा, 12% नियोक्ता और 12% कर्मचारी का।
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