प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान जिस गमछे को पहनकर मन की बात की थी उस डिजाइन का गमछा जिले के बुनकरों ने तैयार कर बेचना शुरू किया था। लेकिन अब मणिपुर के बुनकरों की शिकायत पर मोदी गमछा को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है। हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग मंत्रालय भारत सरकार की टीम ने मोदी गमछा बनाने वाले कस्बा जैदपुर के बुनकरों के यहां जांच के बाद पावरलूम पर मोदी गमछा बनाने पर पाबंदी लगाई है।
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मणिपुर के बुनकरों ने भौगोलिक संकेतक के तहत पंजीकृत करा रखी है डिजाइन |
15 दिन का समय बुनकरों को दिया गया कि वह अपना ताना-बाना ठीक कर लें। इसके बाद फिर टीम जांच करेगी। दोबारा पावरलूम पर लिग्यान मफलर की डिजाइन का गमछा बुनता पाए जाने पर हथकरघा आरक्षण अधिनियम 1985 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
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डिजाइन में संसोधन कर बनाएंगे गमछा : बुनकर अधिकार संगठन के जिलाध्यक्ष तफज्जुल हुसैन अंसारी का कहना है कि जो टीम आई थी वह लिग्यान मफलर का कोई पीस नहीं लाई थी। यदि उन्हें आपत्ति है तो हम उनके जैसी नहीं बनाएंगे। थोड़ा डिजाइन बदलकर मोदी गमछा बनाएंगे। जफर अहमद ने बताया कि प्रधानमंत्री को पहने हुए देखकर हम लोगों ने लॉकडाउन में मोदी गमछा बनाया है। सांसद उपेंद्र सिंह रावत सहित सत्तादल के विधायकों ने समर्थन किया।
शाह आलम ने कहा कि मोदी गमछा विदेशों तक पहुंचा था, हम लोगों की रोजी-रोटी का सवाल है। प्रदेश सरकार को हम बुनकरों की मदद करनी चाहिए। मेराज अहमद ने लॉकडाउन में सरकार ने कोई राहत नहीं दी। बिजली बिल भी महंगा कर दिया अब मोदी गमछा पर पाबंदी लगाई जा रही है। जनप्रतिनिधियों को समर्थन में आगे आना होगा।
Source: Dainik Jagran
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